• My Travel Diary

    Happy Republic Day 2022

    मैं क्यों कहूँ कि तुम भीइस मिट्टी से प्यार करोशस्त्र उठाओ, प्रहार करोशत्रु दिखे तो संघार करो। मैं क्यों कहूँ कि तुम भीशांति की मशाल बनोअमर ज्योति जवान बनोसतत जलना स्वीकार करोगणतंत्र दिवस का इंतज़ार करो ।…

  • Poems

    पाती प्रेम की

    लेखनी लेकर बैठा एक कवि पाती प्रेम की लिखने को तैयार, स्मरण करण के छायाचित्र पर प्रियतमा तुम्हारे स्मृति चिन्हों को पाता हूँ। आओ मैं भी एक गीत सुनाता हूँ।   घने कजरारे मदमस्त मेघ सा सावन…

  • Poems

    Badal

    गहरे मानसून का बादल हूँ, बन के मोती पिघलता हूँ, ग़र करोगे याद पाओगे मुझे मैं हर सावन सफ़र करता हूँ । मैंने देखा है तेरी आँखों में यादों की एक कशिश सी, वो शिकवे वो शिकायतें,…

  • Poems

    Nostalgia

    सुनो, आज फिर मिलते हैं, कुछ क़िस्से पुराने सुनाते हैं, कुछ गीत नए गुनगुनाते हैं।   वो बचपन की मधुर यादें, वो नानी दादी की बातें, वो सपने पतंग के पेंच के, वो, अफ़साने शीला की जवानी…

  • Book Thoughts

    Man’s Search for Meaning

    Disclaimer: This, by no means, is a review or a critical analysis. My capabilities are too dwarf, too plebeian, too limited to comment or criticize these masterpiece creations. Consider these to be only as thoughts arising out…