• Poems

    Badal

    गहरे मानसून का बादल हूँ, बन के मोती पिघलता हूँ, ग़र करोगे याद पाओगे मुझे मैं हर सावन सफ़र करता हूँ । मैंने देखा है तेरी आँखों में यादों की एक कशिश सी, वो शिकवे वो शिकायतें,…

  • Poems

    Nostalgia

    सुनो, आज फिर मिलते हैं, कुछ क़िस्से पुराने सुनाते हैं, कुछ गीत नए गुनगुनाते हैं।   वो बचपन की मधुर यादें, वो नानी दादी की बातें, वो सपने पतंग के पेंच के, वो, अफ़साने शीला की जवानी…

  • Poems

    ये समर विशेष है

    (२) ये समर विशेष है समय वस्तुतः बड़ा विचित्र है। पुष्प लहलहा रहे बाग़ में, पंछी चहकते नील गगन में, वातावरण सिंचित है प्राण वायु से किंतु प्राण संशित है वातावरण से, मनुज बँधा भय की लक्ष्मण रेखा में,  पशु स्व्क्छंद विचारते…

  • Poems

    कुरुक्षेत्र

    समय आया बड़ा विचित्र है,क्षितिज पर अजीब चित्र है,धरा का भी हाल बेहाल है,दिशाओं में फैला काल है,व्याधि घुली है फिज़ाओं में,आसमानी सागर भी लाल है,पार्थ संबोधित है अर्जुन से,खड़ा कलयुगी कुरुक्षेत्र में।। पतंगा लील रहा ज्योति…

  • My Travel Diary,  Poems

    सफ़र

    चाहतें यूं ही नहीं अक्सर मंज़िल को तरस जाती हैं,बस्ती और वीराना दोनों मुझसे नाराज़ है। सैलाब कब का, पशेमां हो कर गुज़र चुका है, हवाओं को नजाने क्यों खुद पे नाज़ है। वफ़ा सरे राह बैठी…

  • Poems

    गुफ़्तगू

    एक शाम यादों में , एक शाम आहों में। एक पुराना बरगद और उसपे बैठा इक परिंदा। गाँव की गलियाँ वो रंगरलियाँ, इमली के पेड़ और गुड़ की डलियाँ , एक तेरे शहर का शोर और ,…

  • My Travel Diary,  Stories

    Ageing gracefully

    Perhaps compare to the rest of the day, the Sun looks most beautiful in the twilight when the cloudy wrinkles enhance its aesthetic features making it glow with the trueness of its colours. Hi Shishir; Surprised? Oh!…

  • Page 3

    Yog….Discovery of thy self

    खर्राटों की मधुर ध्वनि sounds quite an oxymoron, isn’t it? The inherent humour in this comical oxymoron has a degree of positivity that has the power to culminate into the enormity of laughter therapy. That’s the power…