• Poems

    Badal

    गहरे मानसून का बादल हूँ, बन के मोती पिघलता हूँ, ग़र करोगे याद पाओगे मुझे मैं हर सावन सफ़र करता हूँ । मैंने देखा है तेरी आँखों में यादों की एक कशिश सी, वो शिकवे वो शिकायतें,…