Happy Republic Day 2022

मैं क्यों कहूँ कि तुम भीइस मिट्टी से प्यार करोशस्त्र उठाओ, प्रहार करोशत्रु दिखे तो संघार करो। मैं क्यों कहूँ कि तुम भीशांति की मशाल बनोअमर ज्योति जवान बनोसतत जलना स्वीकार करोगणतंत्र दिवस का इंतज़ार करो । मैं क्यों कहूँ कि तुम भीनारी का सम्मान करोभ्रूण हत्या पर धिक्कार करोकन्या…

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सफ़र

चाहतें यूं ही नहीं अक्सर मंज़िल को तरस जाती हैं,बस्ती और वीराना दोनों मुझसे नाराज़ है। सैलाब कब का, पशेमां हो कर गुज़र चुका है, हवाओं को नजाने क्यों खुद पे नाज़ है। वफ़ा सरे राह बैठी है एक तल्मीह के इंतज़ार में, जाने तेरे रुखसार में वो क्या इक…

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Ageing gracefully

Perhaps compare to the rest of the day, the Sun looks most beautiful in the twilight when the cloudy wrinkles enhance its aesthetic features making it glow with the trueness of its colours. Hi Shishir; Surprised? Oh! Don’t be. My voice sounds a little shaded yet so familiar. you should…

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निशब्द…

हिमगिरि के उतंग शिखर पर बैठा एक महर्षि, आलोकित वाणी से कर रहा युगांतर प्रलय पाठ। इधर श्वेत मूंछों पर करों का कोमल प्रहार, उधर छण भर में युगों का फेर । जल भी था कल भी, बालकों का कोलाहल भी था, शिवाय की धुन पर सतयुगी शिव हो रहा…

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